राजियासर गाँव का ये कुँवा काफी पुराना है।करीबन 200 साल से ऊपर हो गए है इसको ,बताते है इसका निर्माण एक बनिए के द्वारा किया गया था।इतना पुराना होने के बावजूद ,अभी भी इसकी मोटर काम करती है।तीन गाँवों में ये पानी पहुचाता है,लेकिन इसका पानी नमकीन है।आजकल तो ऐसे कुँवे कहाँ देखने को मिलते है,ये कुंवा तो राजियासर की धरोहर है।
इस कुंए की सबसे बड़ी यही खासियत रही है की किसी ने भी इसमें आत्महत्या करने की कोशिश नही की और ना ही कभी कोई दुर्घटना ....................
गाँव के मंदिर :-
श्री हनुमान मंदिर - आज से करीब 200 साल पहले इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। लेकिन अभी इसमें किसी प्रकार की मरम्मत का काम नहीं हुआ। सफेदी कभी-कभी होती है। बालाजी मंदिर के पुजारी श्री अमर दास स्वामी है।
शिव मंदिर - करीब 50-60 साल पहले इस मंदिर का निर्माण हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित होता है।
राजियासर गाँव की ये हवेली भी पुराणी है लेकिन २०० पुराणी तो नहीं कह सकते लगभग १५० साल से ऊपर तो इसको भी हो गए है । स्व.ठा.श्री किशन सिंह राठौड़ S/O स्व.ठा.श्री बिन्जराज सिंह राठौड़ ने इस हवेली का निर्माण १५० साल पहले करवाया था। इस हवेली में आज भी कुछ परिवारों का निवास है । लेकिन अब ये हवेली जर्जर होने लग लग गयी है,पीछे की तरफ से इंटें फूटने लग गयी । अब फूटने की कगार पर है ।
राजकीय उच्च माध्यमिक विध्यालय,चक राजियासर मीठा । गाँव का ये विध्यालय करीब १५० साल पुराना है । ५-६ साल पहले ही ये 12th तक बना है । काफी पुराणी इमारत हो गयी अब तो । इसमें कुछ teacher है जो काफी सालों से है :- रोहिताश्व जी (English) ; भंवर सिंह राठौड़ ,PTI ; ओंकार राम जाखड (Ex-BSF); गिरधारी जी(हरासर)..............।
गाँव के तालाब(जोहड़ा) का दृश्य । आज से करीब २०० साल पहले राजियासर गाँव का ये तालाब किसी रतनगढ़ के बनिए के द्वारा बनवाया गया है । इसकी दीवारें जरुर फुट गयी लेकिन ये अन्दर से अभी भी नहीं फूटा । अधिकांशत: इसमें पानी कभी भी नहीं सूखता ,चाहे थोडा ही पानी क्यों न रहे,कभी-कभी ऐसा होता है , बरसात न होने की वजह से सुख भी जाता है । कई दुर्घनाएं भी हुई है, ३-४ लोग तैरने के प्रयास ।में डूब गए थे । ये गाँव के बाहरी छोर पर स्थित है ।
ये हवेली गाँव की बहुत पुराणी हवेली है......लगभग २०० साल पुराणी...अभी भी ये वैसी की वैसी है...हाँ पुराणी जरुर हुई है लेकिन टूट-भूट कम है......
स्व.ठा. सा श्री माल सिंह राठौड़ S/O स्व.ठा.सा श्री नौल सिंह राठौड़ जी ने इस हवेली का निर्माण करवाया था /अभी भी इस हवेली कुछ परिवारों का निवास है /